प्रकाश पाखी
पंछी के जीने की भाषा अम्बर में उड़ने की अभिलाषा
शुक्रवार, 3 अप्रैल 2015
परवाज पर नई रचना-आसमान पे मन सवार है
आसमान पे मन सवार क्यूँ
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