शनिवार, 23 मई 2009

पापा का अपने प्यारे बेटे के नाम एक ख़त...

रात की छापामारी में डेढ़ बज गए थे.सुबह उठा तो बहुत थकान महसूस हुई.जब से पांच दिन का हफ्ता हुआ है सवा नौ बजे दफ्तर पहुंचना पड़ता है..जानता हूँ अगर मैं लेट पहुंचा तो तो मेरे अधीनस्थ कभी समय पर नहीं आयेंगें.
फिर एक के बाद एक तीन मीटिंगें..फिर दो प्रकरणों में सुनवाई..आगे की पेशी देने के सिवाय चारा नहीं था..उसके बाद आठ दस लोगों के अपाईंटमेंट्स आधे घंटे में निपटाए.फिर आम आदमी के लिए ड्राइविंग लाईसेन्स की प्रक्रिया पारदर्शी बनाने और ड्राइविंग ट्रायल की सख्त प्रक्रिया लागू करने पर लम्बी मीटिंग चली.दिन के तीन कब बज गए पता ही नहीं चला.अचानक मोबाइल की घंटी बजी.मैनें यंत्रवत अपने सामने टेबल पर रखी फाइलों पर दस्तखत करना जारी रखते हुए उसे ऑन करते हुए कंधे और कान के बीच खोंस दिया.

''हलो...''

''पापा!बताओ आज क्या है?''मेरे छोटे बेटे ध्रुव की चहकती आवाज फोन पर सुन कर जैसे सारी चिंताएं,परेशानियां और अवसाद लुप्त हो गए.

''हाँ, बेटा..आज तो आपका जन्म दिन है..''मुझे याद आया कि आज ध्रुव नौ वर्ष का हो गया है,''मैनी हैप्पी रिटर्न्स ऑफ़ द डे...हैप्पी ब डे बेटा...''

''आप भूल गए थे...है ना पापा.''

''हाँ,बेटा....हमेशा की तरह ...पापा से गलती हो गई.अब जल्दी से बताओ तुम्हारे लिए बर्थ डे गिफ्ट क्या लाना है?''

''कुछ नहीं पापा...बस ..आप कब आओगे?''

''तीस को तुम्हें और ममा को लेने आऊँगा...तुम अब अपनी पसंद बताओ.''

''कुछ नहीं पापा...''

''क्यों बेटा?'' मेरा स्वर बेजान सा था. मुझे लगा कि उसके जन्म दिन को याद नहीं रखने की भूल की क्षतिपूर्ति एक तोहफे से करने का मेरा प्रयास बचकाना था.

''कुछ नहीं पापा...जो आपकी मर्जी हो ले आना.बस महंगा नहीं होना चाहिए...ममा कहते है पैसे बचाने चाहिए.''

मैं एक गहरी सांस छोड़ कर रह गया.

''अच्छा पापा ...हॉट व्हील कलेक्शन ले आना.''वह अपनी पसंद नहीं बता रहा था.उसने मेरे अपराध बोध को महसूस कर लिया था इस लिए कह रहा था.

''ठीक है बेटा,ईश्वर तुम्हारी आयु विद्या यश बल में वृद्धि करे.''

उसके बाद मेरा मन काम में बिलकुल नहीं लगा.छ बजने के बाद जब घर पहुंचा तो सबसे पहले लेपटॉप खोल लिया.ध्रुव लगभग एक माह से अपने नाना नानी के पास था.इस अन्तराल में उससे एक आध बार ही बात हुई थी.सोचने लगा एक जिम्मेदार पद अपनी कीमत मांगता है.जब हम एक लोक सेवक का दायित्व पूरा करते है तो पारिवारिक दायित्वों से बहुत कुछ समझौता करना पड़ता है.

पर आज की पोस्ट सिर्फ ध्रुव के लिए है.एक पापा का अपने प्यारे बेटे के नाम एक ख़त...

प्यारे बेटे ,
एक पापा के रूप में तुम्हारे प्रति अपनी जिम्मदारी को कहीं कम निभा पाऊँ तोमुझे माफ़ कर देना..पर मैं तुम्हें यह बताना चाहता हूँ किमैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूँ.तुम्हारे स्कूल के प्रोजेक्ट्स में मैंने शायद ही कभी तुम्हारी मदद की हो ,पर तुम हमेशा अपना काम खुद ही बहुत अच्छी तरह से कर लेते हो...मैं जानता हूँ अगर मैं थोडा सा भी समय दे पाता तो तुम्हें बहुत ख़ुशी मिलती.. तुम्हारे स्कूल में इतिहास पुरुषों के विषय पर फैंसी ड्रेस के कम्पीटिशन था.तुम बाजार जाकर ममा के साथ टीपू सुलतान की ड्रेस ले आये थे.मैंने तुम्हें एक दिन पहले टीपू सुलतान पर कविता की चार पंक्तियाँ लिख कर देने का वादा किया था.उस दिन में किसी काम से शहर से बाहर था.

''पापा कब आ रहे हो ? मुझे तैयारी करनी है.''तुम्हारा पहला फोन शाम पांच बजे आया था.

''बस थोडी देर में बेटा..!'' मैंने कहा था.

''पापा अब तो आ जाओ..कितनी देर हो गई है..''तुमने सात बजे फिर पूछा था.

''आ रहा हूँ बेटा.''मैंने फिर कहा था.

''पापा आपने प्रोमिस किया था..''रात नौ बजे तुमने उदास स्वर में पूछा था.

मैं उस रात ग्यारह बजे घर पहुंचा था.तुम इन्तजार करते करते टीपू सुलतान की ड्रेस में ही सो गए थे.

मैंने रात बारह बजे तुम्हारे लिए ये पंक्तियाँ लिखी -

मैं हूँ टीपू सुलतान

अपने वतन पर कुर्बान

मैसूर का शेर हूँ

आजादी का दीवाना

मेरी तलवार का

लोहा दुशमन ने माना

श्रीरंग की लड़ाई में

मैंने अपनी जान दी

अपने वतन के लिए

जिन्दगी कुर्बान की

सुबह उठकर तुमने जल्दी जल्दी ये पंक्तियाँ याद की थी.शाम को तुमने बताया कि तुम दूसरे स्थान पर पर रहे तो मैंने कहा था कि अगर मैं तुम्हें समय पर कविता लिखकर देता तो शायद तुम प्रथम आसकते थे.पर तुमने कहा था कि पापा,अगर आप कविता न लिखते तो मुझे यह स्थान भी नहीं मिलता...तुम्हें बता नहीं सकता यह सुनकर मुझे कितना अच्छा लगा था.
मैं जानता हूँ तुम ,तुम्हारे बड़े भाई देवेयऔर तुम्हारे ममा को मेरे थोड़े से समय देने से बहुत ख़ुशी मिलती है.

पर तुम सब लोग मुझे दुनिया में किसी और कि तुलना में सबसे ज्यादा समझ पाते हो ..मुझे तुम सब पर गर्व है.


मैं तुम पर दुनिया से बेहतर करने का बोझ कभी नहीं डालना चाहूंगा..हाँ,यह जरूर चाहता हूँ कि हर बार खुद से बेहतर करो.अपना होम वर्क ,अपनी पढाई तब तक करना जब तक तुम्हें ये मजेदार लगे...कभी कभी सोचता हूँ कि हम माँ बाप तुम्हें नौ साल की उम्र में ज्यदा बड़ा तो नहीं बना रहे है.
जब तुम गली के बच्चों के साथ खेलकर जेब में कंचे लिए सर से पाँव तक धुल से सने आते हो तो तुम्हारे ममा झल्लाते है,''कौन कहता है कि यह लड़का कोनवेंट में पढता है...शकल देखो इसकी...चलो,अभी नहा के आओ.''

और तुम मेरी गोद में आकर छुप जाते हो ,तो मुझे गर्व होता है हमने तुमसे तुम्हारा बचपन नहीं छीना है..रोज सुबह उठता हूँ तो सबसे पहले तुम्हारा चेहरा देखता हूँ..मुझे लगता है सारा दिन अच्छा गुजरेगा.पिछले महीने भर से तुम्हारी फोटो सुबह उठते ही देखता हूँ.

आशा करता तुम्हारे नाना नानी कुशल होंगे...देवेय से इस संडे को भी बात नहीं कर पाया...भूल गया...पर तुम और तुम्हारे ममा हर बार उससे बात कर पाते हो,इससे तसल्ली होती है.उम्मीद करता हूँ तुम्हारे ममा और तुम्हारी यह छुट्टियाँ मजे से गुजरेंगी.

बहुत सारा आर्शीवाद औ ढेर सारा प्यार....
तुम जियो हजारो साल !

तुम्हारा
पापा

24 टिप्‍पणियां:

नितिन | Nitin Vyas ने कहा…

जन्मदिन की बधाई!!
ख़त अच्छा लगा

Udan Tashtari ने कहा…

कर्तव्यों के निर्वहन में व्यस्त पिता के भाव खत में उतर आये हैं, बहुत अच्छा लगा कि आपको आभास तो है, लोग तो अहसास से भी दूर हो जाते है पद के कर्तव्यों का पालन करते नशे में मदहोश.

Udan Tashtari ने कहा…

बालक के जन्म दिन की बधाई एवं शुभकामनाऐं.

अनूप शुक्ल ने कहा…

सुन्दर, बेहतरीन अभिव्यक्ति! बच्चे को जन्मदिन की शुभकामनायें।

अविनाश दीक्षित ने कहा…

बालक के जन्म दिन पर आपने अपनी भावनाओं को व्यक्त कर जो तोहफा दिया है,वह अनमोल है...
जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई..
अविनाश दीक्षित

के सी ने कहा…

ध्रुव बड़ा होने पर जन्मदिन के बहाने आपकी ये पंक्तियाँ पढ़ कर कैसा महसूस करेगा ये सोचना ही मुझे रोमांचित कर रहा है. सब पिता इतना ही प्यार करते होंगे पर सब पिता इतना व्यक्त नहीं कर पाते हैं. ध्रुव भाग्यशाली है. मेरी ओर से भी बधाई . आपके लेखन के बारे में कुछ लिखने की जरुरत ही नहीं होती, ये सदा ही प्रेरणादायक और ओरिजनल होता है.

मीनाक्षी ने कहा…

भावनाओं से ओतप्रोत खत... बेटे के जन्मदिन पर उसे प्यार और आशीर्वाद दीजिएगा...

भावना ने कहा…

सुन्दर व भाव पूर्ण लेख ...!
जन्म दिन की शुभ कामनाएं.
भावना राजपुरकर

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

ध्रुव बेटे को जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई।

PD ने कहा…

bahut badhiya post.. sidha dil me utarne vala..

Dhruv ko janmdin ki bahut badhayi.. :)

techsamadhan ने कहा…

aksar aisi posts padhkar kuch kaha nahi jaata .. shabd nahi milte ..:)

रंजन ने कहा…

जन्मदिन की बधाई.. बहुत प्यार खत. शुभकामनाऐं...

अनिल कान्त ने कहा…

ये ख़त तो दिल में उतर गया
बेटे को जन्म दिन की बधाई

प्रकाश पाखी ने कहा…

नितिन जी,समीर सा.अनूप जी...मैं ध्रुव को बहुत भाग्य शाली समझता हूँ कि उसे दुनिया के छोर से आप लोगों का आर्शीवाद मिला...आपका शुक्रिया शब्दों से बयां नहीं किया जा सकता...अविनाश जी,भावनाएं एक साधारण और आम पिता की थी शायद इसलिए आपकी तरह हर पिता को अपने अपने दिल के करीब लगी होगी...किशोर भाई,आपका शब्द चयन हमेशा मन में उतरने वाला होता है..आपका भतीजा तो आपकी गोद में बैठ कर ही आर्शीवाद ले लेगा ...पर मुझे आपकी टिप्पणी दिल को छूने वाली लगी..मीनाक्षी जी..आपकी शुभकामनाओं और आशीर्वाद के लिए शुक्रिया..मैं ईश्वर से दुआ करता हूँ कि आपका आर्शीवाद ताबीज बन उसकी रक्षा करे..भावना जी धन्यवाद..और आभार...द्विवेदी साहब मेरे लिए बहुत सुखद है आपका प्यार और बच्चे को दिया कोमल स्नेह... मैं ध्रुव के जन्मदिन पर उसके साथ न होने पर थोडा सा निराश था पर आपकी दुर्लभ उपस्तिथि ने मेरे मन में हर्ष का संचार कर दिया...पी डी साहब,आपकी स्नेह पूर्ण शब्दों से एसा लगा कि ब्लॉग जगत में भी एक परिवार एक समाज साँसे लेता है...टेक समाधान का आभार...रंजन साहब बच्चे पर आर्शीवाद और ब्लॉग पर स्नेह कृपया सदा बनाएं रखें,अनिल कान्त सा..आपकी हौसला अफजाई तो हमेशा सेमिलती रही है...पर आज तो ध्रुव को आपका आर्शीवाद भी मिल गया...!
आपका
प्रकाश सिंह 'पाखी'

Anurag Harsh ने कहा…

hindi me type nahi kar paa rahu hu. Phir Bhi artical ke liye sadhuwad.

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` ने कहा…

चि.ध्रुव बेटे के नाम खत सच्चे दिल से लिखा है आपने हम भी शामिल हैँ उसे हेपी बर्थ्डे टू यु कहने मेँ --
- लावण्या

rajkumari ने कहा…

आपने बहुत अच्छा लिखा है, बेटे को जन्मदिन की बधाई, फोटो बहुत प्यारा लगाया है आपने एकदम नेचुरल.

Urmi ने कहा…

आपकी टिपण्णी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया! आपकी ख़ूबसूरत टिपण्णी ने मेरे लिखने की उत्साह को दुगना कर दिया है!
बहुत ही सुंदर लिखा है आपने बिल्कुल दिल को छू लेने वाली! बेटे को जन्मदिन की बहुत बहुत बधाइयाँ, शुभकामनायें और ढेर सारा प्यार दीजियेगा! बढ़िया फोटो है!

Akanksha Yadav ने कहा…

जन्म दिन की देर से ही सही पर ढेरों बधाई...सुन्दर ख़त है.
_______________________
एक गाँव के लोगों ने दहेज़ न लेने-देने का उठाया संकल्प....आप भी पढिये "शब्द-शिखर" पर.

sanjay vyas ने कहा…

बहुत सघन भावों को समेटे सहज प्रवाह वाली रचना.और belated happy b'day हमारी तरफ से भी.

Arvind Gaurav ने कहा…

deri ke liye maafi chahunga..... janmdin ki badhai

गौतम राजऋषि ने कहा…

देर से आ रहा हूँ...
पोस्ट और पोस्ट में की ये अद्‍भुत चिट्ठी "पिता का पत्र पुत्र मे नाम"
पलकें भीग आयीं
ध्रुव बहुत खुशनसीब बेटा है और आप बड़े किस्मत वाले पिता...
दोनों को हमारी तरफ से समस्त शुभकामनायें!

Murari Pareek ने कहा…

क्या भई क्या लिखा है?? कुछ लिखा है की दिल निकाल के दिखा दिया है? ये कोई टिपण्णी पोस्ट नहीं है, आपने मुझे इमोशनल कर दिया है!!

शोभना चौरे ने कहा…

papa ka bete ke nam khat maine aaj pdha .bhavna se krtavy ucha hota hai
ye to aapne apni krtavy nishta se sabit kar hi diya hai sath hi pita ka bhavuk man bhi machal utha hai ye apki post se gyat ho gya hai |
is sal to der ho gai janm din ki badhai dene me .agle sal ke liye abhi se agrim khate me rkh le .
shubhkamnaye .
dhnywad