प्रकाश पाखी
पंछी के जीने की भाषा अम्बर में उड़ने की अभिलाषा
गुरुवार, 9 अप्रैल 2015
मोम सी तुम आती नजर,बस पिघलती नहीं
http://prakashpakhi.blogspot.in/2015/04/blog-post_9.html?m=1
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